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महिला के लिए एक ही समय में एक से अधिक पति क्यों हराम हैं ?

प्रश्न: 10009

औरत के लिए तीन या चार पुरूषों से शादी करना क्यों नहीं जाइज़ है, जबकि पुरूष को तीन या चार पत्नियों से शादी करने का अधिकार प्राप्त है ?

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

यह, सर्व प्रथम, अल्लाह सर्वशक्तिमान में विश्वास से जुड़ा हुआ है,सभी धर्म इस बात पर सहमत हैं कि औरत के लिए वैध नहीं है कि उससे उसके पति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति संभोग करे,इन धर्मों में से कुछ निश्चित रूप से आकाशीय हैं जैसे इस्लाम और मूल यहूदी और ईसाई धर्म। अल्लाह में विश्वास रखना इस बात की अपेक्षा करता है कि अल्लाह के आदेशों और उसकी शरीअत के प्रति समर्पित कर दिया जाये,क्योंकि अल्लाह सर्वशक्तिमान तत्वदर्शी (हिक्मत वाला) और मानव जाति के हितों का ज्ञान रखने वाला है।कभी-कभार हम शरई हुक्म (धार्मिक प्रावधान) की हिक्मत (तत्वदर्शिता) को जानते हैं और कभी हमें उसका बोध नहीं होता है। जहाँ तक पुरूष के लिए अनेक पत्नियों से शादी करने की वैधता और महिला के लिए उसके निषेध का संबंध है, तो ज्ञात होना चाहिए कि यहाँ कुछ ऐसे तत्व हैं जो किसी बुद्धिमान व्यक्ति पर रहस्य नहीं हैं। अल्लाह सर्वशक्तिमान ने औरत को बर्तन (संग्रहणशालय) बनाया है, जबकि पुरूष ऐसा नहीं है। यदि औरत गर्भवती हो जाये (और उस के साथ एक ही समय में कई आदमियों ने संभोग किया हो) तो उसके बाप का पता नहीं चलेगा, और लोगों के नसब (वंश) मिश्रित हो जायें गे,घराने नष्ट हो जायें गे,बच्चे विस्थापित (आवारा) हो जायें गे,और औरत बच्चों (संतानों) से बोझल हो जायेगी जिनके पालन पोषण और उन पर खर्च करने पर वह सक्षम नहीं होगी, और संभव है कि औरत नसबंदी कराने पर मजबूर हो जाये,और यह मानव जाति के विलुप्त होने का कारण बना जायेगा। इसके अलावा,आज -चिकित्सा विज्ञान- के द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि गंभीर बीमारियाँ जैसे एड्स इत्यादि जो फैली हुई हैं उनके अहम कारणों में से यह है कि औरत के साथ एक से अधिक लोग संभोग करते हैं, चुनांचे औरत के गर्भाशय में तरल शुक्राणुओं का मिश्रित होना इन घातक बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए अल्लाह सर्वशक्तिमान ने तलाक़शुदा या विधवा औरत (जिसका पति मर गया हो) के लिए इद्दत (एक विशिष्ट अवधि) निर्धारित किया है,ताकि वह अपने गर्भाशय और उसके रास्ते को पूर्व पति के प्रभाव से पवित्र करने के लिए एक अवधि तक ठहरी रहे,तथा उसे जो मासिक धर्म आता है उसका भी इस प्रक्रिया में एक भूमिका है।

शायद इसमें इतना संकेत पाया जाता है जिसकी वजह से बात को लंबी करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। यदि प्रश्न करने का उद्देश्य किसी विश्वविद्यालय या अन्य स्तर का वैज्ञानिक अनुसंधान है तो प्रश्नकर्ता को चाहिए कि उन किताबों को देखे जो बहुविवाह और उसकी तत्वदर्शिता के विषय पर लिखी गई हैं। और अल्लाह तआला ही तौफीक़ देने वाला है।

स्रोत

शैख सअद अल हुमैयिद

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