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क्या क़ुर्बानी करने वाला क़ुर्बानी का जानवर ज़बह करते समय अपनी ज़ुबान से नीयत के शब्द का उच्चारण करेगा?

प्रश्न: 109340

क़ुर्बानी करनेवाले व्यक्ति का क़ुर्बानी का जानवर ज़बह करते समय यह कहना किः ‘‘हाज़ेही अन फलाँ’’ (यह फलाँ की ओर से है), अर्थात क़ुर्बानी करनेवाले का नाम लेना, क्या यह ज़ुबान से नीयत करना समझा जाएगा?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाहके लिए योग्य है।

यह ज़ुबान से नीयत का उच्चारण करने में शामिलनहीं है, क्योंकि क़ुर्बानी करनेवाला व्यक्ति जब यह कहता है किः ‘‘हाज़ेही अन्नी व अन अह्ले बैती’’ (यह (क़ुर्बानी)मेरी ओर से और मेरे घर वालों की ओर से है), तो इन शब्दों के द्वारा वह अपने हृदय कीबात की ज़ुबान से सूचना देता है। वह यह नहीं कहता है किः ‘हे अल्लाह! मैं क़ुर्बानी करनाचाहता हूँ, जैसे वह व्यक्ति करता है जो नीयत का उच्चारण करना चाहता है, बल्कि वहकेवल उस चीज़ को प्रकट करता है जो उसके दिल में है। अन्यथा नीयत तो उसी से समय होतीहै जब वह क़ुर्बानी के जानवर को लाकर उसे लिटाता और ज़बह करता है, तो यह उसकी नीयत होजाती है।’’ समाप्त हुआ।

संदर्भ

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर