हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है?
सर्व प्रथम :
नवजात बच्चे के कान में अज़ान और इक़ामत कहने के बारे में वर्णितहदीसों की सनदें कमज़ोरी से खाली नहीं हैं, और विद्वानों में से जिन्हों ने उन पर अमलकिया है तो यह आमाल की फज़ीलतों के बारे में ज़ईफ हदीस को लेने की रूख्सत के अध्याय सेहै।
तथा अघिक लाभ के लिए प्रश्न संख्या (136088) का उत्तर और प्रश्नसंख्या (150966) का उत्तर देखें।
दूसरा :
उचित तो यह है कि मुअजि़्ज़न सीधे नवजात बच्चे के कान में अज़़ानदे, और इस काम के लिए पिता वग़ैरहका ही होना शर्त नहीं है, बल्कि स्वयं आपके लिए या उसके पिता के लिए भी ऐसा करना संभवहै।
यदि आप यह चाहती हैं कि आपके पिता उसके कान में फोन के माध्यमसे अज़ान दें, तो इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है। और यदि आप दोनों ही चीज़ें एकत्रकर दें, कि आप लोग उसके कान में अज़ान कहें, और आपके पिता फोन के माध्यम से अज़ान दें,तो इससे रोकने वाली कोई चीज़ प्रत्यक्ष नहीं होती है। जबकि उचित यह है कि हम इस तरहकी चीज़ों में तकल्लुफ को छोड़ दें, विशेषकर यदिउस पर इस तरह की चीज़ों में एक आदमी को छोड़कर दूसरे की प्रतिष्ठा व विशेषता का अक़ीदारखना निष्कर्षित होता हो।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।