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ईदैन की नमाज़ का हुक्म

प्रश्न: 26989

क्या ईदैन यानी ईदुल-फित्र और ईदुल-अज़्हा की नमाज़ अनिवार्य है या सुन्नत, और जो व्यक्ति उसे छोड़ देता है उसपर क्या पाप हैॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

ईदैन यानी ईदुल-फित्र और ईदुल-अज़्हा की नमाज़ फर्ज़-किफ़ाया है (अर्थात् उनकी अदायगी करना पूरे समुदाय का दायित्व है)। जबकि कुछ विद्वानों का कहना है किः वे दोनों नमाज़ें, जुमा की नमाज़ की तरह फर्ज़-ऐन हैं (अर्थात् उनकी अदायगी करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है)। अतः मुसलमान के लिए उन्हें छोड़ना उचित नहीं है।

और अल्लाह तआला ही तौफ़ीक़ प्रदान करनेवाला है।

संदर्भ

स्रोत

इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति (8/284)