उसमान रज़ियल्लाहु अन्हु के ऐसा करने के कारण, उसकी ओर से ज़कातुल-फित्र निकालना मुसतहब (वांछनीय) है। लेकिन यह उसके लिए अनिवार्य नहीं है; क्योंकि उसके लिए कोई प्रमाण नहीं है।
और अल्लाह तआला ही तौफ़ीक़ (सामर्थ्य) प्रदान करने वाला है।
क्या वह बच्चा जो अपनी माँ के गर्भ में है, उसकी ओर से ज़कातुल-फ़ित्र अदा करना चाहिए या नहीं ॽ
हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :
उसमान रज़ियल्लाहु अन्हु के ऐसा करने के कारण, उसकी ओर से ज़कातुल-फित्र निकालना मुसतहब (वांछनीय) है। लेकिन यह उसके लिए अनिवार्य नहीं है; क्योंकि उसके लिए कोई प्रमाण नहीं है।
और अल्लाह तआला ही तौफ़ीक़ (सामर्थ्य) प्रदान करने वाला है।
शैक्षणिक अनुसंधान एवं इफ़्ता की स्थायी समिति (9/366)