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वह पहले हज्ज करे या शादी ॽ

प्रश्न: 27120

आदमी के लिए दोनों में से कौन सा काम करना प्राथमिकता रखता है: उसके पास जो धन है उसके द्वारा हज्ज करना या उस से शादी करना ॽ

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

हरप्रकार की प्रशंसाऔर गुणगान केवलअल्लाह के लिएयोग्य है।

यदिआदमी को शादी कीज़रूरत है और उसेविलंब करना उसकेलिए कठिन है तोवह शादी को हज्जपर प्राथमिकतादेगा।

लेकिनयदि वह शादी कीआवश्यकता नहींरखता है तो वह हज्जको प्राथमिकतादेगा।

इब्नेक़ुदामा रहिमहुल्लाहने “अल-मुग्नी” (5/12) में फरमाया:

औरयदि वह निकाह काज़रूरतमंद है औरअपने ऊपर कठिनाईका भय अनुभव करताहै,तो शादीकरने को प्राथमिकतादेगा,क्योंकिवह उसके ऊपर वाजिबहै और वह उस से बेनियाज़नहीं हो सकता है,अतः वह उसकेखर्च के समान है,और यदि वह भयअनुभव नहीं करताहै तो हज्ज को प्राथमिकतादेगा,क्योंकिनिकाह ऐच्छिक है,इसलिए अनिवार्यहज्ज पर उसे प्राथमिकतानही देगा। (अंत)तथा नववी की किताब“अल-मजमूअ” (7/71) देखिए।

तथाशैख इब्ने उसैमीनरहिमहुल्लाह सेप्रश्न किया गया:

क्यासक्षम व्यक्तिके लिए शादी केबाद तक हज्ज कोविलंब करना जाइज़है,क्योंकिइस ज़माने में युवाओंको बहकाने व भटकानेवाली चीज़ों औरफित्नों (प्रलोभनों)का सामना है चाहेवे छोटी हों याबड़ी ॽ

तेउन्हों ने उत्तरदिया :

इसमें कोई शक नहींकि कामुकता औरअत्यावश्यकताके साथ शादी करनाहज्ज करने पर प्राथमिकतारखता है,क्योंकि यदि मनुष्यके अंदर कठोर कामुकतापाई जाती है तोउस समय उसका शादीकरना उसके जीवनकी आवश्यकताओंमें से है,अतः वह खानेऔर पीने के समानहै,इसीलिएजिस आदमी को शादीकी ज़रूरत है औरउसके पास धन नहींहै उसे ज़कात केमाल से इतना भुगतानकरना जाइज़ है जिससे उसकी शादी होजाए,जिसप्रकार कि निर्धनआदमी को ज़कात सेइतना दिया जाताहै जिस से उसकीजीविका,उसके पहननेऔर अपनी शर्मगाहको छिपाने का प्रबंधहो सके।

औरइस आधार पर हम कहतेहैं कि : यदि वह व्यक्तिनिकाह का ज़रूरतमंदहै तो वह निकाहको हज्ज पर प्राथमिकतादेगा,इसलिएकि अल्लाह तआलाने हज्ज के अनिवार्यहोने में सक्षमहोने (ताक़त) की शर्तलगाई है,चुनांचे फरमाया:

وَلِلَّهِ عَلَى النَّاسِحِجُّ الْبَيْتِ مَنْ اسْتَطَاعَ إِلَيْهِ سَبِيلا [آل عمران : 97].

“अल्लाह तआलाने उन लोगों परजो उस तक पहुँचनेका सामर्थ्य रखतेहैं इस घर का हज्जकरना अनिवार्यकर दिया है।” (सूरत आल-इम्रान: 97)

किंतुजो व्यक्ति युवाहै और उसके लिएइस बात का कोई महत्वनहीं है कि वह इसवर्ष शादी करेया उसके बाद वालेवर्ष शादी करेतो ऐसा व्यक्तिहज्ज को प्राथमिकतादेगा, क्योंकिउसे शादी को प्राथमिकतादेने की ज़रूरतनहीं है।” (अंत)

फतावामनारूल इस्लाम(2/375).

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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