0 / 0

क्या महिला को रमज़ान की क़ज़ा से शुरूआत करनी चाहिए या शव्वाल के छ: रोज़े से ?

प्रश्न: 4082

ईद के दिन के बाद शव्वाल के महीने के छ: दिन के रोज़े के विषय में यह प्रश्न है कि क्या महिला के लिए यह उचित है कि वह उन दिनों के रोज़े से शुरूआत करे जो मासिक धर्म के कारण उस से छूट गये है फिर उनके बाद छ: दिनों के रोज़े रखे या क्या करे ?

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

यदि वह महिला नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हदीस : "जिस व्यक्ति ने रमज़ान का रोज़ा रखा, फिर उसके पश्चात ही शव्वाल के महीने के छ: रोज़े रखे तो वह ज़माने भर रोज़ा रखने के समान है।" (सहीह मुस्लिम हदीस संख्या : 1984) में वर्णित अज्र व सवाब (पुण्य) को प्राप्त करना चाहती है, तो उसे चाहिए कि सबसे पहले रमज़ान के रोज़े पूरे करे, फिर उसके पश्चात ही शव्वाल के छ: रोज़े रखे ताकि हदीस उस पर लागू हो सके और वह उसमें वर्णित अज्र व सवाब को प्राप्त कर सके।

जहाँ तक जाइज़ होने का संबंध है तो उसके लिए रमज़ान की क़ज़ा को इतना विलंब करना जाइज़ है कि वह अगले रमज़ान के आने से पहले उसकी क़जा कर सके।

स्रोत

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android