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शिक्षा

आस्था
इसमें उन विषयों पर आधारित प्रश्नों को प्रस्तुत किया गया है जो उन बातों से संबंधित हैं जिनका एक मुसलमान को अल्लाह सर्वशक्तिमान के प्रति विश्वास और आस्था रखना अनिवार्य है, तथा ईमान (विश्वास) के छह स्तंभों में से शेष और अन्य परोक्षीय बातों, तथा उस आस्था के ख़िलाफ़ और विपरीत बातें जिनसे सावधान रहना चाहिए।
अल्लाह के कथन : (إِنَّ الدِّينَ عِنْدَ اللَّهِ الْإِسْلَامُ) की व्याख्या
सामान्य अर्थ में इस्लाम का मतलब है : सारे संसारों के पालनहार अल्लाह के प्रति समर्पण, अधीनता और आज्ञाकारिता, तथा अकेले उसी की इबादत करना जिसका कोई साझी नहीं है। विशिष्ट अर्थ में इस्लाम से अभिप्राय : वह दीन (धर्म) है जिसे हमारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लेकर आए हैं, और जिसके अलावा अल्लाह किसी से भी कोई और धर्म स्वीकार नहीं करेगा।सहेजेंवह अपने पिता और अपनी फूफियों से बात नहीं करता और न नमाज़ पढ़ता है, तथा अल्लाह तआला के बारे में बुरा ख़्याल रखता है
सहेजेंउस व्यक्ति का खंडन जो यह दावा करता है कि अल्लाह लोगों को यातना देना पसंद करता है
सहेजेंउन लोगों का खंडन जो कहते हैं कि उपासना हर किसी से स्वीकार की जाती है, चाहे उसका अक़ीदा कुछ भी हो
सहेजेंक्या टेलोमेरेस एंजाइम मृत्यु को रोक सकता है?
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