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आस्था
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कुर्आन और उसके विज्ञानप्रदर्शित करें›उत्तर: 8उपश्रेणियाँ: 3
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पारिवारिक शास्त्रप्रदर्शित करें›उत्तर: 12उपश्रेणियाँ: 18
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शिष्टाचार, नैतिकता और हृदय विनम्र करने वाले तत्वप्रदर्शित करें›उत्तर: 4उपश्रेणियाँ: 3
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ज्ञान और धर्म-प्रचारउपश्रेणियाँ: 2
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सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्यायेंप्रदर्शित करें›उत्तर: 8उपश्रेणियाँ: 2
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मासिक धर्म और प्रसव रक्तस्राव
सलसुल-बौल (मूत्र असंयम) से पीड़ित व्यक्ति की पवित्रता और नमाज़
जिस किसी को ह़दस (नापाकी) की शिकायत निरंतर रहती हो, जैसे सलसुल-बौल का रोगी, तो अधिकांश विद्वानों ने सलसुल बौल के रोगी को मुस्तह़ाज़ा अर्थात अनियमित गैर-मासिक रक्तस्राव से पीड़ित महिला के समान नियमों के अंतर्गत आने वाला माना है। और वह : – नापाकी (अशुद्धता) को फैलने से रोकने वाले साधनों का प्रयोग करते हुए – प्रत्येक नमाज़ के समय वुज़ू करेगा तथा अपने उस वुज़ू के साथ जितना भी चाहे फ़र्ज़ (अनिवार्य) एवं नफ़्ल नमाज़ें पढ़ेगा। यदि मान लिया जाए कि सलसुल-बौल से पीड़ित व्यक्ति ने वुज़ू किया, फिर उसके बाद पेशाब का कुछ भी क़तरा नहीं निकला और दूसरी नमाज़ का समय शुरू होगया, तो उसके लिए दोबारा वुज़ू करना ज़रूरी नहीं है, बल्कि वह अभी भी अपने पहले वुज़ू पर बाक़ी है। तथा उसके लिए दो नमाज़ों को एकत्र करने की (भी) अनुमति है।1,177मासिक धर्म वाली महिला को ग्रहण लगने पर क्या करना चाहिए?
1,274मासिक धर्म से पहले होने वाला भूरे रंग का स्राव
1,143एक अंधी महिला को कैसे पता चलेगा कि वह मासिक धर्म से पवित्र हो चुकी हैॽ
1,627उसने इफ्तारी करने के बाद मासिक धर्म का ख़ून देखा परन्तु उसे संदेह है कि यह ख़ून इफ्तारी से पहले आया था या इफ्तारी के बाद आया है?
3,611गर्भवती होने की अवस्था में उसे स्राव होता है, क्या वह नमाज़ पढ़ना बंद कर देगीॽ
1,481मासिक धर्म वाली महिला कब रोज़ा रखेगीॽ
2,518उसकी पवित्रता बीच में बाधित हो जाती है और उसे ग्यारहवें दिन पीले रंग का स्राव होता है
1,446उसने अपने बालों को धोए बिना ही स्नान करके नमाज़ पढ़ ली
5,206महिला से लगातार निकलने वाला स्राव रोज़े को प्रभावित नहीं करता है
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