वह रोज़े की क़ज़ा शुरू करने से पहले गर्भवती होगई और वह रोज़ा रखने में सक्षम नहीं है
तश्रीक़ के दिनों में अनिवार्य रोज़े की क़ज़ा करना सही नहीं है
रमज़ान के रोज़ों की क़ज़ा में निरंतरता अनिवार्य नहीं है
क्या महिला को रमज़ान की क़ज़ा से शुरूआत करनी चाहिए या शव्वाल के छ: रोज़े से ?
सख्त गर्मी में काम करने की वजह से रोज़ा तोड़ देने वाले का हुक्म
हुक्म न जानने के कारण रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लेने वाले का हुक्म
बिना किसी कारण के रमज़ान में जानबूझ कर रोज़ा तोड़ देना
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